V.S Awasthi

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वह कौन थी

प्रतियोगिता हेतु रचना 
वह कौन थी
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वह कौन थी जो सपनों में मेरे थपकी देकर सुला गई।
सुन्दर प्यार की मीठी लोरी कानों में गुन गुना गई।।
हाथों का स्पर्श हुआ तो नींद तुरत मुझको आई।
कोमल हाथो की छुवन कह रही थपकी देने मां आई।।
सपनों अक्सर थपकी देने मेरी मां ही आती है।
उलझनों में नींद नहीं आती तब मां ही मुझे सुलाती है।।
रात को जब सर्दी लगती है वदन कांपने लगता है।
मां की याद सताती है दिल धक-धक करने लगता है।।
जब तक मां मेरे साथ रही चादर वो मुझे ओढ़ाती थी।
जब ज्यादा सर्दी लगती थी तो सीने से चिपकाती थी।।
ग्रीष्म ऋतु में रात-रात भर हाथों से पंखा झलती थी।
चाहे जितनी बीमार हो ख़ुद पर कभी नहीं वो थकती थी।।
साथ नहीं है फिर भी वो सपनों में मेरे आती है।
बीमारी में नींद नहीं आती लोरी गा हमें सुलाती है।।
वो कौन थी जो सपनों में मेरे याद करो तो आती है।
मां के सिवा नहीं है कोई जो लोरी गा हमें सुलाती है।।
विद्या शंकर अवस्थी पथिक कानपुर

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6 Comments

Mohammed urooj khan

16-Apr-2024 10:37 PM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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Reyaan

11-Apr-2024 06:02 PM

Nice

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Shnaya

11-Apr-2024 04:51 PM

V nice

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